MDH Masala Owner Success Story मसालों की कंपनी MDH से तो आप वाकिफ ही होंगे। एमडीएच कंपनी के कर्ता धर्ता हैं धरमपाल गुलाटी जो मसाले के विज्ञापनों में देखा जाता रहा गया है। भारतीय मसालों में एक ब्रांड ऐसा है जो सालों से हमारे घरों मे इस्तेमाल हो रहा है। आपने सही पहेचाना – यह ब्रांड है – MDH भारतीय खाने में मसालों का एक अमूल्य स्थान है। राजा-महाराजा के ज़माने से बनने वाले यह मसाले भारतीय खाने को जायकेदार बनाते है। इन् मसालों को बनाने वाली बहुत ही गिनी चुनी कंपनीया है जो मसालों का स्वाद और quality सालों साल बरक़रार रख पायी है। MDH मसाले के निर्माता न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में अपनी शुद्धता और स्वाद के लिए प्रसिद्ध हैं, लेकिन क्या आपको मालूम है कि उनका यहाँ तक पहुंचने का सफ़र कितना चुनौतीपूर्ण रहा हैं।
MDH Masala Owner Success Story

जानिए महाशय धर्मपाल गुलाटी जी कौन हैं ?
MDH के CEO महाशय धर्मपाल गुलाटी जी का जन्म सियालकोट (जो कि अब पाकिस्तान का हिस्सा है) में 27 मार्च 1923 को एक बेहद सामान्य परिवार में हुआ था उनके पिता का नाम महाशय चुन्नीलाल और माता का चनन देवी था, जिनके नाम पर दिल्ली के जनकपुरी इलाके में माता चनन देवी अस्पताल भी है। बचपन से ही इनको पढ़ने का शौक नहीं था लेकिन इनके पिताजी की इच्छा थी कि ये खूब पढ़ें-लिखें। महाशय धर्मपाल गुलाटी के पिता महाशय चुन्नीलाल की सियालकोट में ‘महाशय दी हट्टी’ नाम से दुकान थी।
1937 में, अपने पिता की सहायता से उन्होंने छोटा व्यापार शुरू किया, बाद में कुछ समय बाद उन्होंने साबुन का व्यवसाय और बाद में उन्होंने कुछ समय तक जॉब किया। फिर कपड़ो के व्यापारी बने, फिर बाद में वे चावल के भी व्यापारी बने। लेकिन इनमे से किसी भी व्यापार में वे लंबे समय तक नही टिक सके।
महाशय धर्मपाल गुलाटी जी नही करते धर्मो में भेदभाव
वे धर्मो में भेदभाव किये बिना सभी को समान धर्म की शिक्षा देते है और प्रेमभाव और भाईचारे से रहने की सलाह देते है। उनकी छत्र-छाया में सभी समुदाय के लोग रहते है, जिनमे हिन्दू, मुस्लिम और सिक्ख शामिल है। वह सभी धर्मो के त्योहारो को भी मनाते है। महाशय धरमपाल का दर्शनशास्त्र यही कहता है की, “दुनिया को वह दे जो आपके पास सबसे बेहतरीन हो, और आपका दिया हुआ बेहतरीन अपने आप वापिस आ जायेगा।”कोई भी बात जो धर्मो का विभाजन करते है, उन बातो का वे विरोध करते है। शायद, उनकी महानता और उनके पीछे कोई आरोप ना होने का यही एक कारण होंगा।
MDH की सफलता आज आसमान को छूं रही
MDH की सफलता के पीछे छुपी मेहनत का नतीजा है की 94 साल की उम्र में धरम पाल जी, भारत में, 2014 में सबसे ज्यादा कमाने वाले, FMCG सीईओ बने। आज MDH कंपनी 100 से ज्यादा देशों मे अपने 60से अधिक प्रोडक्ट्स बेच रही है। यह मसाले बनाने के लिए लगनेवाली सामग्री केरल, कर्नाटक और भारत के अलग अलग हिस्सोंसे आती है। कुछ सामग्री ईरान और अफ़गानिस्तान से भी लायी जाती है। महाशयजी का यह योगदान देश के और देश में पल रहे गरीबो के विकास में महत्वपूर्ण साबित होगा। निश्चित ही वे वर्तमान उद्योजको के प्रेरणास्त्रोत होंगे। निश्चित ही महाशयजी इस सम्मान के काबिल है, उनके इस योगदान का हमे सम्मान करना चाहिये।