GK In Hindi General Knowledge क्या कारण है कि पचास पैसे की दवा पचास रुपये में और पांच रुपये की दवा पांच सौ रूपये में मिलती है : मार्केट में आइवरमेक्टिन दवा ( Ivermectin medicine ) काफी ज्यादा तादात में मिलती है, जिसपर एक पत्ते के कीमत 195 रुपये और एक पर 350 लिखा हुआ है ! दवाओं के महंगे होने का कोई एक कारण नहीं होता है ! दवा माफिया इतने शक्तिशाली और सरकार का रवैया इतना ढुलमुल है कि दवा अपने सही कीमत से 2000 गुना तक ज्यादा बिकती है !
क्या कारण है कि पचास पैसे की दवा पचास रुपये में और पांच रुपये की दवा पांच सौ रूपये में मिलती है | यहां जानें GK In Hindi General Knowledge

एक कैंसर की दवा जो 100 रुपये में मिल जाती है ! वहीं उस पर 900 रुपये एमआरपी डली ( MRP Nuggets ) होती है और दवा विक्रेता केवल 5 से 10% का ही डिस्काउंट देते हैं या एमआरपी ( MRP ) पर ही दवा बेचते हैं ! इस जबरदस्त मुनाफाखोरी के पीछे केवल और केवल सरकारी नीतियां ही हैं !
दवाओं का निर्धारण दो वर्गों में किया गया है | GK In Hindi
1). एसेंशियल दवा ( Essential medicine )
2). नॉन एसेंशियल दवा ( Non essential medicine )
दवाओं की कीमतों में आ रहा है बदलाव | General Knowledge
साथ ही आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत मे करीब 10,000 तरह की दवाएं बेची जाती हैं, जिनमे से 874 दवाओं की कीमत ( Cost of drugs ) सरकार ने नियंत्रित कर दी है जो एसेंशियल ( Essential ) हैं, बाकी पर नॉनस्टॉप में तेजी से बेचने की धूम मची हुई है ! वहीं इस बारे में मोदी सरकार ( Modi government ) के आने से कुछ लगाम जरूर लगी है पर पूरी तरह से नहीं ! हार्ट में डलने वाला स्टेंट जो बारह हजार से चौदह हजार के बीच आ जाती थी ! वो मरीज के लिए एक लाख से डेढ़ लाख तक मिलता था !
General Knowledge : जेनेरिक दवाओं ने भी कुछ राहत दी |
इतना सब होने पर जेनेरिक दवाओं ( Generic drugs ) ने भी कुछ राहत दी है ! अब इस लूट से जरूर छुटकारा मिल चुका है, लेकिन 9,000 तरह की दवाओं की कीमत कम करने की जरूरत है ! एक कारण ये भी है कि कई डॉक्टर किसी एक कंपनी की दवा लिखने के कारण 40 से 50% तक कमीशन तक ले लेते हैं और वो दवा केवल उनके अस्पताल वाले मेडिकल स्टोर ( Hospital Medical Store ) पर ही मिलती है और आखिर मे ये सब बिलियन डॉलर तक पहुंच गया ! इसलिए सरकारें भी चुप्पी साधे हुए हैं ! GK In Hindi General Knowledge.