छिपकली की पूँछ यदि कट जाए तो दोबारा कैसे आ जाती है | General Knowledge In Hindi

छिपकली की पूँछ यदि कट जाए तो दोबारा कैसे आ जाती है | General Knowledge In Hindi : छिपकली ( lizard ) एक सरीसृप (Reptile) तथा निशाचर (सूर्यास्त के बाद सक्रिय होने वाला) जीव है ! यह पेट के बल रेंग कर चलती हैं ! इनकी जीभ तथा नाक एक ही साथ स्थित होती है ! इस कारण यह अपने शिकार को पकड़ने के पहले जीभ बाहर निकाल कर सूंघती है और फिर उसी जीभ से शिकार को पकड़ लेती है ! डायनासोर इन्हीं के पूर्वज थे जो एक विलुप्त (extinct) प्रजाति है ! कुछ छिपकलियों में रंग बदलने की क्षमता भी पाई जाती है जिन्हें गिरगिट( chamelion) / garden lizard भी कहते हैं !

छिपकली की पूँछ यदि कट जाए तो दोबारा कैसे आ जाती है

छिपकली की पूँछ यदि कट जाए तो दोबारा कैसे आ जाती है

छिपकली की पूँछ यदि कट जाए तो दोबारा कैसे आ जाती है

इस छिपकली ( lizard ) की पूंछ में पुनरुदभवन या (Regeneration) की विशेष क्षमता पाई जाती है ! जिसके कारण उसकी पूँछ कटने के बाद दोबारा आ जाती है ! जब छिपकली की पूँछ कटती है तो खून नहीं निकलता बल्कि खून का थक्का बन जाता है और वहां पुनरुदभवन वाली कोशिकाएं आकर उभार बना लेती हैं और फिर दोबारा उसी स्थान पर पूँछ आ जाती है ! इस प्रकार की पुनरुदभवन की क्षमता कुछ विशेष जीवो जैसे -ऑक्टोपस, हाइड्रा , प्लेनेरिया आदि में भी पाई जाती है !

अब सवाल यह है कि क्या मनुष्य में भी ऐसी क्षमता पाई जाती है

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि मनुष्य के नाखून तथा बालों का दोबारा उगना भी इसी क्षमता के कारण होता है परंतु यह मृत कोशिकाएं होती हैं ! मनुष्य के यकृत (Liver) में पुनरुदभवन की अपार क्षमता पाई जाती है ! किसी चोट के लग जाने पर घाव का कुछ दिनों में भर जाना भी कोशिकाओं की पुनरुदभवन क्षमता का ही परिणाम है परंतु मनुष्य के पूरे शरीर के किसी बाहरी अंग जैसे- हाथ, पैर में यह क्षमता नहीं पाई जाती !

छिपकलियां खुद भी पूंछ गिरा देती है | General Knowledge In Hindi

बतादें कि ऐसा केवल दवाब पड़ने के मामले में ही नहीं होता, बल्कि छिपकली ( lizard ) खुद भी पूंछ गिरा देती है ! अब आप कहेंगे कि ये कैसे हो सकता है ! दरअसल, छिपकली के पास प्राकृतिक तौर पर बचाव करने का कोई हथियार नहीं होता है, ऐसे में जब उसका सामना अपने से बड़े शिकारी से होता है, तो वह अपनी पूंछ गिरा देती है ! वह ऐसा इसलिए करती हैं ताकि शिकारी का ध्यान भटक जाए और समय देखकर वो भागने में सफल हो जाए !

छिपकली की पूँछ यदि कट जाए तो दोबारा कैसे आ जाती है General Knowledge वैज्ञानिक कारण

इसे जीव विज्ञान में ऑटोटोमी या सेल्फ अम्प्यूटेशन कहते हैं ! ये सिर्फ छिपकली ( lizard ) में ही नहीं बल्कि और भी उभयधारी,सरीसृप जीवों और अकशेरुकी प्राणियों (सबसे अधिक) में होता है क्योंकि इन जीवों में पुनर्जनन (regeneration) की क्षमता होती है मतलब ये अपने उस अंग को फिर से विकसित कर सकते हैं ! और समयावधि सबमें अलग-अलग होती है ! छिपकली में ये छः महीने से एक साल के बीच में फिर से विकसित हो जाती है ! यहां विशेष रूप से छिपकली के ही बारे में बात करते हैं !

दवाब महसूस होने पर अलग हो जाती है पूंछ GK Hindi

छिपकली ( lizard ) की पूंछ में एक line of weakness होती है जिसे फ्रैक्चर प्लेन कहते हैं, जब कभी इस पॉइंट पर उसे तनाव या फिर कुछ भी असामान्य महसूस होता है, वो उस पॉइंट से ही अलग हो जाती है जिसे हम रिफ्लेक्स मसल स्पाज्म या मांसपेशियों की ऐंठन कहते हैं ! और उस पूंछ के कंकाल की जगह एक कार्टिलेज रॉड विकसित हो जाती है जोकि इसकी स्पाइनल कॉर्ड से ही बढ़ती है और ये कुछ छोटी और हल्के रंग की होती है !

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