GK In Hindi General Knowledge पृथ्वी के फेफड़े किसे कहते हैं और क्यों : अपने इंसान के फेफड़ों के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या आपने पृथ्वी के फेफड़ों के बारे में सुना है ! क्या आप जानते हैं कि पृथ्वी के फेफड़े क्या है ! आज हम आपको अपने इस पोस्ट में आपको बताएंगे कि पृथवी के अमेजन नदी पर बने अमेजन के जंगलों को फेफड़े कहा जाता है ! जी हां, और इसके पीछे की वजह है ये जंगल पृथ्वी की कुल ऑक्सीजन का 33% उत्पादन करते है !
पृथ्वी के फेफड़े किसे कहते हैं और क्यों | यहां जानें GK In Hindi General Knowledge

या ऐसा कहा जा सकता है कि ये जंगल पृथ्वी के वायुमंडल में फैली कुल ऑक्सीजन के 33% हिस्से के भागीदार का अकेला मालिक है ! ये तो आप सभी जानते होंगे कि अमेजन के वर्षावनों को जलवायु खास कर पृथ्वी का एक फेफड़ा कहते हैं, लेकिन बीते कुछ दशकों की खेती अब इन फेफड़ों को निचोड़ रही है ! इतना ही नहीं इस परेशानी से अब कोलंबिया भी इससे अछूता नहीं रहा है !
ये वन वर्षावन कॉर्बन डायॉक्साइड को सोखते हैं
लैटिन अमेरिका के बड़े हिस्से में फैले ये वर्षावन कॉर्बन डायॉक्साइड को सोखते हैं और हमें सांस लेने के लिए शुद्ध और साफ ऑक्सीजन देते हैं, लेकिन दक्षिण कोलंबिया की एक नदी को देखें तो पता चलता है कि वर्षावन किस मुश्किल में हैं ! हर दिन दर्जनों लोग वर्षावन की लकड़ी को जहाज पर चढ़ाते हैं ! 50 टन भारी बढ़िया लकड़ी ! इस गैरकानूनी तस्करी से सब पैसा कमाते हैं ! नदी पर बने इस पोर्ट पर कोई रोक टोक नहीं है ! लकड़ी माफिया इसी बात का फायदा उठा रहा है !
तस्कर बने समस्या | GK In Hindi
ये इलाका पास के नेशनल पार्क के रेंजरों के ज्यादा क्षेत्र से बाहर है, लेकिन रेंजर जानते हैं कि लकड़ी माफिया चिरिबीकेटे नेशनल पार्क के लिए भी खतरा हैं ! नेशनल पार्क के अधिकारी कार्लोस पायेज के मुताबिक कि पांच साल पहले तक लकड़ी तस्कर पार्क से 30 किलोमीटर दूर रहते थे ! आज महज 10 किलोमीटर की दूरी पर पेड़ काटे जा रहे हैं ! आप देख सकते हैं कि हालात बद से बदत्तर हो रहे हैं ! पेड़ों की कटाई, गैरकानूनी ढंग से कोकोआ उगाना और अति खेती, ये सब पार्क के लिए खतरा बने हुए हैं !
चारे के चक्कर में | General Knowledge
GK In Hindi General Knowledge आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अमेजन के काकेटा इलाके में खेती, जंगल के बड़े इलाके को निगल चुकी है ! एक दिक्कत ये है कि वहां के स्थानीय लोग अपनी जमीन पर मौजूद संसाधनों का सही से इस्तेमाल नहीं करते ! यही वजह है कि जहां कभी जैव विविधता से भरा वर्षावन हुआ करता था ! आज वहां केवल घास के मैदान दिखते हैं ! जंगल की इस बदहाली के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार चरवाहे हैं !
GK In Hindi हालात बदलने के लिए जर्मन अंतरराष्ट्रीय सहयोग संस्था जीआईजेड यहां नौ पायलट प्रोजेक्टों को वित्तीय मदद दे रही है ! ये सब पार्क के करीब हैं ! पायलट प्रोजेक्ट लीडर टांगमार मार्मोन के मुताबिक लोगों को समझाना वाकई बड़ी चुनौती है कि यहां जंगलों की कटाई की परवाह कोई नहीं करता ! लोग यहां पर्यावरण के लिहाज से नहीं सोचते ! उनके लिए ये केवल पेड़ हैं, राह के पेड़ ! हम उन्हें यह समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि निवेश के जरिए वे ज्यादा कमा सकते हैं !